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दिल के चंद एहसास



भाव के उन्माद को, थोड़ा सजा कर देखिये
जिंदगी के भार को, थोड़ा हटा कर देखिये।।
नित्य, प्रतिपल, हर दशा में, सोच को उल्लास दो
हँसते सारे गम मिलेंगे, मुस्कुरा कर देखिये।।


----विचार एवं शब्द-सृजन----
----By---
----Shashank मणि Yadava’सनम’----
---स्वलिखित एवं मौलिक रचना---

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4 Comments

Sachin dev

23-Oct-2022 01:19 PM

Nice

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Mahendra Bhatt

23-Oct-2022 07:50 AM

बहुत ही सुन्दर

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Renu

23-Oct-2022 06:15 AM

👍👍🌺

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